जो भी दूजे को हँसाते, ऐसे लोग ख़ूब है भाते। जो भी दूजे को हँसाते, ऐसे लोग ख़ूब है भाते।
रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी। रही अडिग सत्य पथ पर तो निश्चय ही स्वयंसिद्धा कहलाओगी।
समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है, समय मुट्ठी की रेत सा फिसलता जा रहा है , हर लम्हा यूँ ही गुजरता जा रहा है,
तब तक चलेगी अग्नि परीक्षा मन इतिहास दोहराया जायेगा। तब तक चलेगी अग्नि परीक्षा मन इतिहास दोहराया जायेगा।
नर को नारायण मान सकें कुछ ऐसा कोई काम करो। नर को नारायण मान सकें कुछ ऐसा कोई काम करो।
मैं सृष्टि का आरंभ हूँ, नर संगिनी बन गौरवमयी, मैं एक नारी हूँ। मैं सृष्टि का आरंभ हूँ, नर संगिनी बन गौरवमयी, मैं एक नारी हूँ।